कांग्रेस में फतेहाबाद विधानसभा सीट के लिए मचा घमासान

-दूडाराम सबसे मजबूत, प्रहलाद ने हर्बल पार्क के बहाने दिखाई ताकत,संपत30 जुलाई को करेंगे शक्ति प्रदर्शन, कुनाल ने चलाया अभियान
फतेहाबाद । प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आहट पाते ही जहां विभिन्न राजनीतिक दलों में सीट पाने के लिए शुगबुगाहट शुरू हो गई है, वहीं कांग्रेस में सीट पाने के लिए मारा-मारी शुरू हो गई है। कांग्रेस को छोड़कर जहां अन्य पार्टियों में टिकट के दावेदारों की गिनती एक-दो तक हैं और फतेहाबाद सीट पर उनके पास कोई मजबूत नेता नहीं है, वहीं कांग्रेस के पास ऐसे कई सख्त है जो जीत का मादा रखते हैं। इन सभी दावेदारों द्वारा फतेहाबाद विधानसभा टिकट हासिल करने के लिए अभी से जोर- आजामाईश शुरू कर दी गई है। फतेहाबाद सीट पर सबसे मजबूत माने जा रहे वर्तमान विधायक एवं संसदीय सचिव दूड़ाराम दौबारा टिकट पाने के लिए हाई कमान पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। इसके अलावा पिछले चार साल में उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विश्वास जीतकर यह दिखाने का प्रयास भी किया है कि वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही है। ऐसे में जातिय समीकरणों को अपने पक्ष में करके संसदीय सचिव दौबारा टिकट हासिल करके जीत का ताज पहन सकते हैं। संसदीय सचिव दूड़ाराम के अलावा कांग्रेस में फतेहाबाद से मजबूत उम्मीदवार प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा को माना जा रहा है। कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा को इसलिए भी मजबूत माना जा रहा है कि उनके पास करीब 20 हजार ऐसे पक्के समर्थक हैं, जो पिछले कई सालों से उनके साथ रहे हैं। ये लोग विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। लोकसभा चुनाव में भी प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने चुनाव प्रचार अभियान में बड़-चढ़कर भाग लिया और सांसद अशोक तंवर की जीत के हिस्सेदार बने। लोकसभा चुनाव के बाद भी वे लगातार ग्रामीण क्षेत्र में अपना प्रचार अभियान चलाते रहे हैं, जिसके चलते उनके दावेदारी काफी मजबूत हुई हँ। इतना ही नहींं 27 ज़ुलाई को गिल्लाखेडा स्थित स्व. चौधरी सुरेंद्र सिंह हर्बल पार्क के उद्घाटन अवसर पर वन, पर्यटन एवं खेल मंत्री किरण चौधरी के सामने भीड़ जुटाकर भी उन्होंने अपनी दावेदारी को ओर अधिक मजबूत करने का प्रयास किया है। कांग्रेस में इन दो दिग्गजों के बीच इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व वित्तमंत्री प्रो. संपत सिंह भी फतेहाबाद विधानसभा सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। पूर्व नियोजित योजना के अनुसार इनेलो में रहते हुए भी वे पिछले काफी समय से फतेहाबाद सीट पर दावा ठोकते रहे और कांग्रेस में शामिल होते ही इस सीट से चुनाव लडऩे को अपनी प्राथमिकता बताई। भले ही उन्होंने सीट का फैसला हाई कमान पर छोड़ दिया हो, लेकिन वे इस जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं कि फतेहाबाद की सीट उनके हाथ आ जाए। इसके लिए संपत सिंह 30 जुलाई को शक्ति प्रदर्शन करने के साथ-साथ 2 अगस्त को प्रस्तावित मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दौरे के दौरान भी अपनी ताकत दिखाएंगे। इन तीन दिग्गज नेताओं के अलावा भी ऐसे अनेक नेता है जो टिकट की दावेदारी जताते हैं। इनमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड के दामाद कूनाल भादू का नाम भी आता है। चाहे उन्होंने चुनाव लडऩे की बात को नकार दिया हो, लेकिन पूरे प्रदेश के बजाए फतेहाबाद में उनकी सक्रियता राजनीतिक विशेषज्ञों को अखर रही है। इसके इलावा कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि अरविंद शर्मा, व्यापार मंडल के प्रधान टेकचंद मिढ़ा, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष डा. विरेंद्र सिवाच, इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शरद बतरा, पूर्व आबाकारी एवं काराधान आयुक्त भीष्म पितामह वकांग्रेस के युवा जिलाध्यक्ष जगजीत हुड्डा भी टिकट की दावेदारी जताने वालों में शूमार है।